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तीन ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: सूर्य, गुरु, शुक्र और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म – […]

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तीन ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: सूर्य, बुध और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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Astrology, Science & Astronomy, ज्योतिष, धार्मिक, धार्मिक आयोजन

तीन ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: सूर्य, मंगल और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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Astrology, Science & Astronomy, ज्योतिष, धार्मिक, धार्मिक आयोजन

तीन ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: सूर्य, चंद्र और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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Astrology, Religious Observances, Science & Astronomy, ज्योतिष, धार्मिक

गुरु और ग्रहों की युति के प्रभाव: राशिफल और उपाय

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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The Importance of the Eighth House Lord in Different Houses in Vedic Astrology

The Importance of the Eighth House Lord in Different Houses in Vedic Astrology When it comes to Vedic astrology, each house in a horoscope represents different aspects of a person’s life. The position and influence of the eighth house lord in these houses can have a significant impact on various aspects of life, including wealth,

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Astrology, ज्योतिष

शत्रु राशि में ग्रहों का प्रभाव

शत्रु क्षेत्रगत ग्रहों का फल शत्रु क्षेत्रगत ग्रहों का सामान्य फल नीचे लिखे अनुसार समझना चाहिए – उदहारण – कुंडली में जिस प्रकार सूर्य को शत्रु – क्षेत्री दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ लेना चाहिए। उदहारण – कुंडली में जिस प्रकार चन्द्रमा को शत्रु – क्षेत्री दिखाया गया है, उसी

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ग्रहों के क्षेत्रगत प्रभाव: विविध दृष्टिकोण

मित्र क्षेत्रगत ग्रहों का सामान्य फल मित्र क्षेत्रगत ग्रहों का सामान्य फल नीचे लिखे अनुसार समझना चाहिए – उदहारण – कुंडली में जिस प्रकार सूर्य को मित्र – क्षेत्री दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ लेना चाहिए। उदहारण – कुंडली में जिस प्रकार चन्द्रमा को मित्र – क्षेत्री दिखाया गया है,

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स्वक्षेत्रस्थ राशि ग्रहों का असर: सम्पूर्ण विश्लेषण

स्वक्षेत्रस्थ ग्रहों का फल अपनी राशि (क्षेत्र) में स्थित ग्रहों का सामान्य फल नीचे लिखे अनुसार समझना चाहिए – उदाहरण- कुंडली में जिस प्रकार सूर्य स्वक्षेत्री दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ लेना चाहिए। उदाहरण- कुंडली में जिस प्रकार चन्द्रमा स्वक्षेत्री दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ

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ग्रहों का मूल त्रिकोण राशि में प्रभाव: उच्चतम परिणाम

मूल त्रिकोण राशिगत ग्रहों का फल मूल त्रिकोण राशिगत ग्रहों का सामान्य फल नीचे लिखे अनुसार होता है – उदहारण – कुंडली में सूर्य को जिस प्रकार मूल त्रिकोण राशि में स्थित दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ लेना चाहिए | उदहारण – कुंडली में चन्द्रमा को जिस प्रकार मूल त्रिकोण

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ग्रहों का उच्च राशियों में स्थानन: विशेष अर्थ और महत्व

उच्च राशिगत ग्रहों का फल उच्च राशिगत ग्रहों का सामान्य फल नीचे लिखे अनुसार होता है – उदाहरण – कुंडली में जिस प्रकार सूर्य को मेष राशि में स्थित दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ लेना चाहिए उदहारण – कुंडली में जिस प्रकार सूर्य को वृष राशि में स्थित दिखाया गया

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ज्योतिष में ग्रहों की उच्च क्षेत्र, मूल त्रिकोण, और स्वग्रह स्थिति

उच्च क्षेत्र, मूल त्रिकोण तथा स्वग्रह के संबंध में विशेष विचार नवग्रहों के उच्च क्षेत्रीय, मूल त्रिकोणस्थ तथा स्व्ग्रही होने के संबंध में विशेष रूप से नीचे लिखे अनुसार समझना चाहिए :

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द्वादशभाव : ज्योतिष शास्त्र में द्वादश भावों का महत्व

द्वादशभाव जन्म कुंडली में बारह खाने होते हैं | इन्हे “घर” “स्थान” अथवा “भाव” कहा जाता है | जन्म कुंडली के द्वादश भाव ऊपर दी गई उदहारण कुंडली में इन द्वादश भावों को प्रदर्शित किया गया है | जन्म कुंडली के बारह भावों के नाम क्रमश : इस प्रकार हैं : द्वादशभवों का परिचय जन्म

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Astrology

जानिए हिन्दू पंचांग की तिथियों और नक्षत्रों के देवताओ के बारे में

तिथियों के स्वामी प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि, द्वितीय के ब्रह्मा, तृतीया की गौरी, चतुर्थी के गणेश, पंचमी के शेषनाग, षष्ठी के कार्तिकेय, सप्तमी के सूर्य, अष्टमी के शिव, नवमी की दुर्गा, दशमी के काल, एकादशी के विश्वेदेवा, द्वादशी के विष्णु, त्रयोदशी के कामदेव, चतुर्दशी के शिव, पूर्णमासी के चन्द्रमा तथा अमावस्या के पितर हैं

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Astrology, ज्योतिष

राशियों के स्वभाव और प्रभाव: ज्योतिष अनुसार विश्लेषण

राशियों का स्वभाव और प्रभाव किसी राशि का स्वभाव और प्रभाव केसा है और उसके द्वारा किन बातों का विचार किया जाता है – इसे नीचे लिखे अनुसार समझना चाहिए :-

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Understanding the Effects of the Fourth House Lord in Vedic Astrology

Understanding the Fourth House Lord in Vedic Astrology In Vedic astrology, the placement of planets in different houses of the horoscope plays a significant role in determining various aspects of a person’s life. Each house represents a specific area of life, and the lord of that house holds the key to understanding the influences and

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Astrology

2nd House Lord in Different Houses in Horoscope

When it comes to understanding astrology and the influence of planets in our lives, the position of the second house lord in different houses of the horoscope holds significant importance. The second house in astrology is associated with wealth, possessions, speech, family, and values. The lord of the second house, also known as the ruling

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Astrology

1st House Lord in Different Houses in Horoscope

In astrology, the placement of the 1st house lord in different houses of the horoscope plays a significant role in shaping an individual’s personality, behavior, and life experiences. The 1st house lord represents the self, physical body, appearance, and overall demeanor of a person. It signifies how an individual presents themselves to the world and

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Astrology

The Role and Importance of Jupiter in Vedic Astrology

In Vedic Astrology, Jupiter, also known as Brihaspati or Guru, holds a significant role and represents various aspects of life. Known as the planet of wisdom, knowledge, and expansion, Jupiter is considered one of the most influential celestial bodies in Vedic Astrology. What Does Jupiter Represent? Jupiter is associated with several key aspects of life,

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