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शुक्र की महादशा: जीवन में प्रभाव और फलादेश

विंशोत्तरी महादशा के ग्रहों का फलादेश आवशयक टिपण्णी – ग्रहों की महादशा का उक्त फलादेश सामान्य स्थिति में समझना चाहिए | यदि जन्म कुंडली में राहु, केतु, शनि, मंगल आदि क्रूर अथवा अशुभ फल देने वाले ग्रह उच्च राशि में स्वक्षेत्रगत अथवा शुभ फल देने की स्थिति में बैठे हों , तो उस परिस्थिति में […]

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Astrology, Religious Observances, ज्योतिष, ज्योतिष शास्त्र, धार्मिक, धार्मिक आयोजन, धार्मिक एवं आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विचार, धार्मिक विधि और महत्व

केतु की महादशा: जीवन में प्रभाव और फलादेश

विंशोत्तरी महादशा के ग्रहों का फलादेश आवशयक टिपण्णी – ग्रहों की महादशा का उक्त फलादेश सामान्य स्थिति में समझना चाहिए | यदि जन्म कुंडली में राहु, केतु, शनि, मंगल आदि क्रूर अथवा अशुभ फल देने वाले ग्रह उच्च राशि में स्वक्षेत्रगत अथवा शुभ फल देने की स्थिति में बैठे हों , तो उस परिस्थिति में

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अष्टम भाव के स्वामी अष्टमेश की विभिन्न भावों में स्थिति और फल

अष्टमभाव का स्वामी ‘ अष्टमेश ‘

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सप्तम भाव के स्वामी सप्तमेश की विभिन्न भावों में स्थिति और फल

सप्तमभाव का स्वामी ‘ सप्तमेश ‘

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षष्ठ भाव के स्वामी रोगेश अथवा षष्ठेश की विभिन्न भावों में स्थिति और फल

षष्ठभाव का स्वामी ‘ रोगेश’ अथवा ‘ षष्ठेश’

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पाँच ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: सूर्य, चंद्र, मंगल और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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चार ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: मंगल, बुध, गुरु और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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चार ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: चंद्र, गुरु, बुध और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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Astrology, ज्योतिष

चार ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: सूर्य, बुध, गुरु और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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चार ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: सूर्य, बुध, गुरु और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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