Author name: Dharmendar

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षष्ठ भाव के स्वामी रोगेश अथवा षष्ठेश की विभिन्न भावों में स्थिति और फल

षष्ठभाव का स्वामी ‘ रोगेश’ अथवा ‘ षष्ठेश’

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Astrology, Science & Astronomy, ज्योतिष, ज्योतिष शास्त्र, धार्मिक, धार्मिक आयोजन

पंचम भाव के स्वामी संतानेश अथवा पंचमेश की विभिन्न भावों में स्थिति और फल

पंचमभाव का स्वामी ‘ संतानेश ‘ अथवा ‘ पंचमेश ‘

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Astrology, Science & Astronomy, ज्योतिष, ज्योतिष शास्त्र, धार्मिक आयोजन

चतुर्थ भाव के स्वामी सुखेश अथवा चतुर्थेश की विभिन्न भावों में स्थिति और उनके फल

चतुर्थभाव का स्वामी ‘ सुखेश ‘ अथवा ‘ चतुर्थेश ‘

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Astrology, ज्योतिष, ज्योतिष शास्त्र, धार्मिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक

द्वितीय भाव के स्वामी धनेश अथवा द्वितीयेश की विभिन्न भावों में स्थिति और उनके फल

द्वितीय भाव का स्वामी ‘ धनेश ‘ अथवा ‘ द्वितीयेश ‘

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Astrology, Science & Astronomy, ज्योतिष, ज्योतिष शास्त्र, धार्मिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक

Shukrawar Vaibhav Laxami Vrat Katha

Shukrawar Vaibhav Laxami Vrat Katha: वैभव लक्ष्मी व्रत का महत्व और इतिहास Shukrawar Vaibhav Laxami Vrat Katha: वैभव लक्ष्मी व्रत का हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान है, जो देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद पाने के उद्देश्य से किया जाता है। देवी लक्ष्मी को धन, समृद्धि, और समग्र शुभता की देवी माना जाता है, और उनका

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धार्मिक एवं आध्यात्मिक

प्रथम भाव के स्वामी लग्नेश अथवा प्रथमेश की विभिन्न भावों में स्थिति और उनके फल

प्रथम भाव का स्वामी ” लग्नेश ” अथवा “प्रथमेश”

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सात ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: सूर्य, चंद्र, मंगल और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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छ: ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: सूर्य, चंद्र, मंगल और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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पाँच ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: चंद्र ,मंगल ,बुध और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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पाँच ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: सूर्य, मंगल, बुध और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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The Twelfth House-Which Planet Gives a Favorable Result?

Introduction to Astrology and the Twelfth House The Twelfth House- Astrology, an ancient practice rooted in Vedic Jyotish, offers profound insights into individual lives through celestial influences. Utilizing a framework known as the horoscope, astrology divides the sky into twelve distinct segments, referred to as houses. Each house governs specific aspects of life, ranging from

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Astrology

पाँच ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: सूर्य, चंद्र, बुध और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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पाँच ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: सूर्य, चंद्र, मंगल और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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Astrology, Religious Observances, ज्योतिष, ज्योतिष शास्त्र, धार्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विचार

What is Gaj Kesari Yog in Horoscope and What Are Its Benefits

Introduction to Gaj Kesari Yog Gaj Kesari Yog is a highly revered planetary combination in Vedic astrology, often regarded as a harbinger of success, prosperity, and wisdom. The term “Gaj Kesari” is derived from two Sanskrit words: “Gaj,” meaning elephant, and “Kesari,” meaning lion. These animals symbolize strength, power, and intelligence, qualities that this yog

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Astrology

चार ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: मंगल, बुध, गुरु और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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चार ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: चंद्र, गुरु, बुध और अन्य ग्रहों के प्रभाव

ग्रहों की युति का फल किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म –

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जन्मकुण्डली के 12 भाव: आपके जीवन की हर घटना का रहस्य

जन्मकुण्डली, जिसे हम हिन्दी में कुंडली या जठर कुंडली भी कहते हैं, वैदिक ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह जन्म के समय ग्रहों की स्थिति को दर्शाती है और व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करती है। कुंडली में 12 भाव होते हैं, जिन्हें घर भी कहा जाता है। ये

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ज्योतिष शास्त्र

लक्ष्मी जी: शुक्रवार के दिन इस माला से जाप करने से होगा चमत्कार, मां लक्ष्मी होगी प्रसन्न और बन जाएंगे धनवान

मां लक्ष्मी का महत्व और पूजन विधि हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। उनका महत्व अत्यधिक है क्योंकि वे न केवल भौतिक संपत्ति, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक समृद्धि का भी प्रतीक मानी जाती हैं। मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में धन, वैभव, और

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धार्मिक विधि और महत्व

चार ग्रहों की युति का ज्योतिषीय विश्लेषण: सूर्य, बुध, गुरु और अन्य ग्रहों के प्रभाव

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Nag Panchami 2024: Date, Rituals, and Significance

Introduction to Nag Panchami Nag Panchami is a revered Hindu festival dedicated to the worship of serpents, particularly the Naga deities. It is celebrated with great fervor across various regions of India, each infusing its own cultural and religious essence into the observance. The festival typically falls in the month of Shravan (July/August) according to

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Festivals and Traditions
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