ॐ जय जगदीश हरे, भगवान जगदीश की आरती – हिन्दी गीतिकाव्य
ॐ जय जगदीश हरे, भगवान जगदीश की आरती - हिन्दी गीतिकाव्य
ॐ जय जगदीश हरे भगवान जगदीश की सबसे प्रसिद्ध आरती है। भगवान जगदीश को सत्यनारायण के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रसिद्ध आरती भगवान जगदीश से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है। आरती के समय दीपक द्वारा भगवान जगदीश की पूजा करते हुए सभी भक्तों द्वारा इस प्रार्थना को गाया जाता है।
॥ आरती श्री जगदीशजी ॥
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का। स्वामी दुःख विनसे मन का। सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥
ॐ जय जगदीश हरे।
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी। स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी। तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥