हनुमान चालीसा कभी भी पढ़ सकते हैं लेकिन मान्यता है कि मंगलवार और शनिवार को 7 बार पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। ऐसा करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। पाठ के लिए सुबह या शाम का समय सबसे अच्छा माना जाता है। सबसे खास बात यह है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए किसी विशेष अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं है। आप किसी भी एकांत जगह पर आराम से बैठकर मन-मन हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
हनुमान जी की भक्ति का कोई विशेष दिन नहीं है। हनुमान भक्ति कभी भी उनकी स्तुति कर सकते हैं। इसके पीछे कारण है कि हनुमान जी कलियुग के जागृत देवता हैं इसलिए हर दिन हनुमान जी की स्तुति का बहुत महत्व है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से न केवल संकट दूर होते हैं बल्कि मन को शांति भी मिलती है। इस कारण से हनुमान जी की स्तुति हर दिन की जा सकती है।
हनुमान चालीसा का पाठ मंगलवार को इसलिए किया जाता है क्योंकि जब बाल हनुमान ने सूरज को गेंद समझकर निगल लिया था, तो इंद्र ने हनुमान जी को अपने वज्र से घायल कर दिया था। इसके बाद हनुमान जी के देवीय पिता पवनदेव ने क्रोध में आकर संपूर्ण सृष्टि की हवा को रोक दिया था, जिससे सभी जीव मरने लगे। इसके बाद इंद्रदेव ने पवनदेव से क्षमा मांगी और ब्रह्मा जी ने हनुमान जी को फिर से पुर्नजीवित कर दिया।
जब हनुमान जी को फिर से जीवनदान मिला, तो सभी देवताओं ने हनुमान जी को एक-एक वरदान दिया। मंगलदेव ने कहा कि जो भी मनुष्य हनुमान जी की स्तुति करेगा, उसे मंगल के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलेगी। इस कारण से मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा के पाठ का विशेष महत्व है।
हनुमान चालीसा का सही समय और विधि न केवल इसे पढ़ने के महत्व को बढ़ाती है, बल्कि आपकी मानसिक स्थिति को भी सुदृढ़ बनाती है।
हनुमान चालीसा का पाठ करने से मनोबल बढ़ता है। परेशानियों से जूझ रहा इंसान अगर नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करता है, तो उसके भीतर चुनौतियों से लड़ने की अद्भुत शक्ति आ जाती है।
हनुमान चालीसा का पाठ करने से मानसिक तनाव दूर होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
हनुमान चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करता है, तो वह हनुमान जी की कृपा प्राप्त करता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पाठ की संख्या की बजाय, मन की स्थिरता और भावनाओं का महत्व ज्यादा है। गुरु और साधकों के उपदेशों के अनुसार, नियमित पाठ से मानसिक स्थिति में सुधार होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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