स्वक्षेत्रस्थ राशि ग्रहों का असर: सम्पूर्ण विश्लेषण

स्वक्षेत्रस्थ ग्रहों का फल

अपनी राशि (क्षेत्र) में स्थित ग्रहों का सामान्य फल नीचे लिखे अनुसार समझना चाहिए –

  • जिस जातक की जन्म कुंडली में सूर्य स्वक्षेत्री (सिंह राशि का) हो, वह सुन्दर, ऐश्वर्यवान सुखी, कामी तथा व्याभिचारी होता है।

उदाहरण- कुंडली में जिस प्रकार सूर्य स्वक्षेत्री दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ लेना चाहिए।

WhatsApp Image 2024 04 29 at 11.29.07
  • जिस जातक की जन्म कुंडली में चंद्र स्वक्षेत्री (कर्क राशि का) हो, वह सुन्दर, भाग्यशाली, धनी तथा तेजस्वी होता है।

उदाहरण- कुंडली में जिस प्रकार चन्द्रमा स्वक्षेत्री दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ लेना चाहिए।

WhatsApp Image 2024 04 29 at 11.29.50
  • जिस जातक की जन्म कुंडली में मंगल स्वक्षेत्री (मेष राशि का) हो, वह जमींदार, किसान, साहसी, बलवान, तथा यशस्वी होता है।

उदाहरण- कुंडली में जिस प्रकार मंगल को स्वक्षेत्री दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ लेना चाहिए।

WhatsApp Image 2024 04 29 at 11.31.02
  • जिस जातक की जन्म कुंडली में बुध स्वक्षेत्री (कन्या अथवा मिथुन राशि का) हो, वह शास्त्रयज्ञ, लेखक, संपादक, विद्वान् तथा बुद्धिमान होता है।

उदाहरण- कुंडली में जिस प्रकार बुध को स्वक्षेत्री दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ लेना चाहिए।

WhatsApp Image 2024 04 29 at 11.41.33
  • जिस जातक की जन्म कुंडली में गुरु स्वक्षेत्री (धनु अथवा मीन राशि का) हो, वह काव्य- प्रेमी, शास्त्रयज्ञ, वैघ तथा सुखी होता है।

उदाहरण- कुंडली में जिस प्रकार गुरु को स्वक्षेत्री दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ लेना चाहिए।

WhatsApp Image 2024 04 29 at 11.32.47
  • जिस जातक की जन्म कुंडली में शुक्र स्वक्षेत्री (वृष अथवा तुला राशि का) हो, वह विचारवान, स्वतंत्र प्रकृति का, धनी, गुनी एवं विद्वान होता है।

उदाहरण- कुंडली में जिस प्रकार शुक्र को स्वक्षेत्री दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ लेना चाहिए।

WhatsApp Image 2024 04 29 at 11.33.37
  • जिस जातक की जन्म कुंडली में शनि स्वक्षेत्री (मकर अथवा कुम्भ राशि का) हो, वह उग्र स्वभाव का, कष्ट-सहिष्णु तथा पराक्रमी होता है।

उदाहरण- कुंडली में जिस प्रकार शनि को स्वक्षेत्री दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ लेना चाहिए।

WhatsApp Image 2024 04 29 at 11.34.21 4
  • जिस जातक की जन्म कुंडली में राहु स्वक्षेत्री (कन्या राशि का) हो, वह भाग्यवान, यशस्वी तथा सुन्दर होता है।

उदाहरण- कुंडली में जिस प्रकार राहु को स्वक्षेत्री दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ लेना चाहिए।

WhatsApp Image 2024 04 29 at 11.35.02
  • जिस जातक की जन्म कुंडली में केतु स्वक्षेत्री (मिथुन राशि का) हो, वह गुप्त- युक्ति वाला, धैर्यवान, चिन्ताशील, कहसत सहिष्णु तथा कर्मठ होता है। 

उदाहरण- कुंडली में जिस प्रकार केतु को स्वक्षेत्री दिखाया गया है, उसी प्रकार अन्य कुंडलियों में भी समझ लेना चाहिए।

WhatsApp Image 2024 04 29 at 11.35.50

आवशयक टिप्पणी – यदि किसी जातक की कुंडली में एक ग्रह स्वक्षेत्री हो तो वह अपनी जाती में श्रेष्ठ होता है।  दो ग्रह स्वक्षेत्री हों तो कर्तव्यपरायण, धनी एवं सम्मानीय होता है। तीन ग्रह स्वक्षेत्री हों तो विद्वान्, धनी, राजमंत्री होता है।  चार ग्रह स्वक्षेत्री हों तो सरदार, धन – सम्पत्तिवान, नेता एवं यशस्वी होता है।  यदि पांच ग्रह स्वक्षेत्री हों तो राजा अथवा राजा के समान अधिकारों का उपयोग करने वाला परम ऐश्वर्यशाली, धनी, सुखी, गुणी, विद्वान् तथा महायशस्वी होता है। 

Scroll to Top
Verified by MonsterInsights