शीतला माता आरती - हिन्दी गीतिकाव्य

shitala mata
जय शीतला माता माँ शीतला की सबसे प्रसिद्ध आरती है। यह प्रसिद्ध आरती शीतला माता से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है।
शीतला माता आरती - हिन्दी गीतिकाव्य 2
॥ श्री शीतला माता की आरती ॥

जय शीतला माता,मैया जय शीतला माता।
आदि ज्योति महारानीसब फल की दाता॥

ॐ जय शीतला माता…।

रतन सिंहासन शोभित,श्वेत छत्र भाता।
ऋद्धि-सिद्धि चँवर डोलावें,जगमग छवि छाता॥

ॐ जय शीतला माता…।

विष्णु सेवत ठाढ़े,सेवें शिव धाता।
वेद पुराण वरणतपार नहीं पाता॥

ॐ जय शीतला माता…।

इन्द्र मृदङ्ग बजावतचन्द्र वीणा हाथा।
सूरज ताल बजावैनारद मुनि गाता॥

ॐ जय शीतला माता…।

घण्टा शङ्ख शहनाईबाजै मन भाता।
करै भक्त जन आरतीलखि लखि हर्षाता॥

ॐ जय शीतला माता…।

ब्रह्म रूप वरदानीतुही तीन काल ज्ञाता।
भक्तन को सुख देतीमातु पिता भ्राता॥

ॐ जय शीतला माता…।

जो जन ध्यान लगावेप्रेम शक्ति पाता।
सकल मनोरथ पावेभवनिधि तर जाता॥

ॐ जय शीतला माता…।

रोगों से जो पीड़ित कोईशरण तेरी आता।
कोढ़ी पावे निर्मल कायाअन्ध नेत्र पाता॥

ॐ जय शीतला माता…।

बांझ पुत्र को पावेदारिद्र कट जाता।
ताको भजै जो नाहींसिर धुनि पछताता॥

ॐ जय शीतला माता…।

शीतल करती जन कीतू ही है जग त्राता।
उत्पत्ति बाला बिनाशनतू सब की माता॥

ॐ जय शीतला माता…।

दास नारायणकर जोरी माता।
भक्ति आपनी दीजैऔर न कुछ माता॥

ॐ जय शीतला माता…।
शीतला माता आरती - हिन्दी गीतिकाव्य 3
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