शाकम्भरी माता आरती - हिन्दी गीतिकाव्य
ॐ श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती माँ शाकम्भरी की सबसे प्रसिद्ध आरती है। यह प्रसिद्ध आरती शाकम्भरी माता से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है।
॥ श्री शाकम्भरी माता जी की आरती ॥
हरि ॐ श्री शाकम्भर अम्बा जी कीआरती कीजो।
ऐसो अद्भुत रूप हृदय धर लीजो,शताक्षी दयालु की आरती कीजो।
तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ,सब घट तुम आप बखानी माँ।
श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो।
तुम्हीं हो शाकम्भरी,तुम ही हो शताक्षी माँ।
शिव मूर्ति माया,तुम ही हो प्रकाशी माँ।
श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो।
नित जो नर-नारीअम्बे आरती गावे माँ,
इच्छा पूरण कीजो,शाकम्भरी दर्शन पावे माँ।
श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो।
जो नर आरती पढ़े पढ़ावे माँ,जो नर आरती सुने सुनावे माँ।
बसे बैकुण्ठ शाकम्भर दर्शन पावे।
श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो।
हरि ॐ श्री शाकम्भर अम्बा जी कीआरती कीजो।
ऐसो अद्भुत रूप हृदय धर लीजो,शताक्षी दयालु की आरती कीजो।
तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ,सब घट तुम आप बखानी माँ।
श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो।
तुम्हीं हो शाकम्भरी,तुम ही हो शताक्षी माँ।
शिव मूर्ति माया,तुम ही हो प्रकाशी माँ।
श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो।
नित जो नर-नारीअम्बे आरती गावे माँ,
इच्छा पूरण कीजो,शाकम्भरी दर्शन पावे माँ।
श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो।
जो नर आरती पढ़े पढ़ावे माँ,जो नर आरती सुने सुनावे माँ।
बसे बैकुण्ठ शाकम्भर दर्शन पावे।
श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो।