भगवान नरसिंह आरती | ॐ जय नरसिंह हरे - हिन्दी गीतिकाव्य
ॐ जय नरसिंह हरे आरती भगवान नरसिंह को समर्पित है। यह भगवान नरसिंह की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती भगवान नरसिंह से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों विशेषतः नरसिंह जयन्ती पर गायी जाती है।
आरती कीजै नरसिंह कुँवर की भगवान नरसिंह की एक और लोकप्रिय आरती है।
॥ श्री नरसिंह भगवान की आरती ॥
ॐ जय नरसिंह हरे,प्रभु जय नरसिंह हरे।
स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे,
स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे,जन का ताप हरे॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
तुम हो दीन दयाला, भक्तन हितकारी,प्रभु भक्तन हितकारी।
अद्भुत रूप बनाकर,
अद्भुत रूप बनाकर,प्रकटे भय हारी॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी,प्रभु दुस्यु जियो मारी।
दास जान अपनायो,
दास जान अपनायो,जन पर कृपा करी॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे,प्रभु माला पहिनावे।
शिवजी जय जय कहकर,पुष्पन बरसावे॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
ॐ जय नरसिंह हरे,प्रभु जय नरसिंह हरे।
स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे,
स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे,जन का ताप हरे॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
तुम हो दीन दयाला, भक्तन हितकारी,प्रभु भक्तन हितकारी।
अद्भुत रूप बनाकर,
अद्भुत रूप बनाकर,प्रकटे भय हारी॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी,प्रभु दुस्यु जियो मारी।
दास जान अपनायो,
दास जान अपनायो,जन पर कृपा करी॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे,प्रभु माला पहिनावे।
शिवजी जय जय कहकर,पुष्पन बरसावे॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥