पार्वती माता आरती - हिन्दी गीतिकाव्य

parvati mata
जय पार्वती माता माँ पार्वती की सबसे प्रसिद्ध आरती है। यह प्रसिद्ध आरती पार्वती माता से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है।
पार्वती माता आरती - हिन्दी गीतिकाव्य  2
॥ श्री पार्वती माता जी की आरती ॥

जय पार्वती माताजय पार्वती माता।
ब्रह्म सनातन देवीशुभ फल की दाता॥

जय पार्वती माता

अरिकुल पद्म विनाशिनिजय सेवक त्राता।
जग जीवन जगदम्बा,हरिहर गुण गाता॥

जय पार्वती माता

सिंह को वाहन साजे,कुण्डल हैं साथा।
देव वधू जस गावत,नृत्य करत ताथा॥

जय पार्वती माता

सतयुग रूपशील अतिसुन्दर,नाम सती कहलाता।
हेमांचल घर जन्मी,सखियन संग राता॥

जय पार्वती माता

शुम्भ निशुम्भ विदारे,हेमांचल स्थाता।
सहस्त्र भुजा तनु धरि के,चक्र लियो हाथा॥

जय पार्वती माता

सृष्टि रूप तुही हैजननी शिवसंग रंगराता।
नन्दी भृंगी बीन लहीसारा जग मदमाता॥

जय पार्वती माता

देवन अरज करतहम चित को लाता।
गावत दे दे ताली,मन में रंगराता॥

जय पार्वती माता

श्री प्रताप आरती मैया की,जो कोई गाता।
सदासुखी नित रहतासुख सम्पत्ति पाता॥

जय पार्वती माता
पार्वती माता आरती - हिन्दी गीतिकाव्य  3
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