नर्मदा माता आरती - हिन्दी गीतिकाव्य

narmada mata
ॐ जय जगदानन्दी माँ नर्मदा की सबसे प्रसिद्ध आरती है। यह प्रसिद्ध आरती नर्मदा माता से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है।
नर्मदा माता आरती - हिन्दी गीतिकाव्य  2
॥ श्री नर्मदा माता जी की आरती ॥

ॐ जय जगदानन्दी,मैया जय आनंद कन्दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा,शिव हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥

ॐ जय जगदानन्दी…॥

देवी नारद शारद तुम वरदायक,अभिनव पदचण्डी।
सुर नर मुनि जन सेवत,सुर नर मुनि शारद पदवन्ती॥

ॐ जय जगदानन्दी…॥

देवी धूमक वाहन राजत,वीणा वादयन्ती।
झूमकत झूमकत झूमकत,झननन झननन रमती राजन्ती॥

ॐ जय जगदानन्दी…॥

देवी बाजत ताल मृदंगा,सुरमण्डल रमती।
तोड़ीतान तोड़ीतान तोड़ीतान,तुरड़ड़ तुरड़ड़ तुरड़ड़ रमती सुरवन्ती॥

ॐ जय जगदानन्दी…॥

देवी सकल भुवन पर आप विराजत,निशदिन आनन्दी।
गावत गंगा शंकर, सेवत रेवाशंकर तुम भव मेटन्ती॥

ॐ जय जगदानन्दी…॥

मैया जी को कंचन थाल विराजत,अगर कपूर बाती।
अमरकंठ में विराजत,घाटन घाट कोटी रतन जोती॥

ॐ जय जगदानन्दी…॥

मैया जी की आरती निशदिन पढ़ि गावें,हो रेवा जुग जुग नर गावें।
भजत शिवानंद स्वामी,जपत हरि मन वांछित फल पावें॥

ॐ जय जगदानन्दी…॥
नर्मदा माता आरती - हिन्दी गीतिकाव्य  3
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