Durga SaptaShati Path

Shardiya Navratri SaptaShati Path: शारदीय नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय, निम्नलिखित नियमों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है

Durga SaptaShati Path Niyam:

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। नवरात्रि की शुरुआत होते ही पूरे देश में मां दुर्गा की पूजा और आराधना की शुरुआत हो जाती है। भक्त अपने घरों और मंदिरों में माता की उपासना करते हैं। उपासना के समय, माता के भक्त हवन करते हैं, चालीसा पढ़ते हैं, और दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। मान्यता है कि वे भक्त जो नवरात्रि के नौ दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं, उन्हें सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है, सभी अनिष्टों का नाश हो जाता है, और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। हालांकि दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय कई बातों का ध्यान देना आवश्यक है। चलिए, हम जानते हैं कि दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के सही विधि और नियम क्या है। दुर्गा सप्तशती का पाठ हमेशा नियमों के अनुसार करना चाहिए, अन्यथा आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

दुर्गा सप्तशती पाठ के नियम:

  • धार्मिक मान्यता के अनुसार हाथ में सप्तशती की पुस्तक लेकर पाठ करने से अधूरे फल की प्राप्ति होती है। इसिलए जब भी आप दुर्गा सप्तशती का पाठ करें तो पुस्तक को किसी चौकी पर लाल रंग का साफ़ वस्त्र बिछाकर ऊपर रखें।
  • दुर्गा सप्तशती पाठ को कहीं भी न रोकें। यदि आप सम्पूर्ण पाठ करते हैं तो चतुर्थ अध्याय पूरा होने के बाद विराम ले सकते हैं। जब भी आप दुर्गा सप्तशती का पाठ करें तो पाठ बीच में छोड़कर न उठें।
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ आरंभ करने से पहले पुस्तक हाथ जोड़कर प्रणाम करें और फिर माता रानी का ध्यान करें और उसके बाद पाठ करना आरंभ करें।
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ आरंभ करने से पहले ध्यान रखें बैठने वाला आसन या तो लाल रंग का हो या कुश का।
  • दुर्गा सप्तशती के पाठ की गति न ही बहुत तेज हो और न ही बहुत धीमी।  शब्दों का उच्चारण स्पष्ट और लय में होना चाहिए।
  • एक दिन में ही दुर्गा सप्तशती के सभी 13 पाठ पूरे करने का विधान है. यदि समय की कमी के कारण न कर पाएं तो नौ दिनों में भी पूरे 13 पाठ पूरे किए जा सकते हैं.

पढ़ते समय इसका भी रखें ध्यान

  • दुर्गा सप्तशती पाठ के लिए एक अन्य विकल्प भी है। इस दूसरा विकल्प ये है कि एक,दो, एक चार, दो एक और दो अध्यायों को क्रम से 7 दिन में पूरा करें।
  • अगर श्रीदुर्गा सप्तशती का पाठ संस्कृत में नहीं कर पा रहे हैं तो हिन्दी में ही सरलता से इसका पाठ करें।
  • यदि आप एक दिन में दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर पा रहे हैं तो कोई बात नहीं। ऐसे में पहले दिन आप सिर्फ मध्यम चरित्र का पाठ करें और इसके अगले दिन बचे हुए 2 चरित्र का पाठ करें।
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करने से पहले और बाद में ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे का पाठ जरुर करना चाहिए। पाठ करने के बाद मां दुर्गा से क्षमा जरुर मांगें।