ग्रहों की युति का फल
किस जन्म – लग्न के किस भाव में, किस राशि पर कौन – सा ग्रह स्थित हो, तो उसका क्या फलादेश होता है – इसका विस्तृत किया जा चूका है। अब हम विविध ज्योतिष ग्रथों के आधार पर ग्रहों की युति के फलादेश का वर्णन करते हैं। अर्थात जन्म – कुंडली के एक ही भाव में यदि दो, तीन, चार, पांच, छः अथवा सात ग्रह एक साथ बैठे हों, तो वे जातक के जीवन पर अपना क्या विशेष प्रभाव डालते हैं – इसकी जानकारी प्रस्तुत प्रकरण में दी जा रही है।
ग्रहों की युति से सम्बंधित आगे जो उदाहरण – कुंडलियां दी गयी हैं वे सभी मेष लग्न ही हैं, अतः उन्हें केवल उदाहरण के रूप में ही समझना चाहिए। विभिन्न व्यक्तियों की जन्म – कुंडलियां विभिन्न लग्नो की होती हैं, इसी प्रकार विभिन्न ग्रहों की युति भी विभिन्न भावों में होती है। अस्तु, इन उदाहरण – कुंडलियों को मात्र आधार मानकर अपनी जन्म- कुंडली की लग्न, भाव तथा राशि का विचार करते हुए युति के प्रभाव का निष्कर्ष निकालना चाहिए।
ग्रहों के संबंध में सामान्य सिंद्धांत यह है की ये ग्रह यदि अपने मित्र – ग्रह के साथ बैठे होते हैं, तो उसके प्रभाव को बढ़ाते हैं और शत्रु ग्रह के साथ बैठते हैं , तो उसके प्रभाव को घटाते हैं। राहु – केतु स्वयं कभी एक साथ नहीं बैठते। ये सदैव एक – दूसरे से सातवें स्थान पर ही रहते हैं।
छ: ग्रहों की युति
छ: ग्रहों की युति का फलादेश नीचे लिखे अनुसार समझना चाहिए –
2025 में 12 साल बाद बनेगा मिथुन राशि में गजकेसरी योग, इन 5 राशियों के…
In 2025, Saturn (Shani) will move into Pisces (Meen Rashi), bringing notable positive changes to…
Utpanna Ekadashi, falling on November 26, 2024, is a sacred day in the Hindu calendar…
Have you ever wondered what your spirit animal might be? These creatures are said to…
Kharmas kaise Lagta Hai: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्यदेव देवताओं के गुरु बृहस्पति की राशि…
मेष (Aries):आज (23 नवंबर 2024) आपका आत्मविश्वास और समर्पण आपके रिश्ते को नई ऊंचाइयों तक…