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घर में किचन (रसोई) का सही स्थान न केवल हमारे स्वास्थ्य बल्कि परिवार की समृद्धि और शांति पर भी असर डालता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, गलत दिशा में स्थित किचन नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है, जिससे घर के सदस्यों को बार-बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किचन की सही दिशा क्या होनी चाहिए और किन वास्तु नियमों को अपनाने से आप बीमारियों और आर्थिक समस्याओं से बच सकते हैं।
आग्नेय कोण (साउथ-ईस्ट) – सबसे उत्तम
यदि संभव हो तो गैस स्टोव को भी इसी दिशा में रखना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, आग्नेय कोण (South-East) दिशा किचन के लिए सबसे शुभ मानी जाती है।
यह दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी होती है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं।
उत्तर-पूर्व (North-East) – सबसे अशुभ
मानसिक तनाव, आर्थिक संकट और बच्चों की पढ़ाई में बाधाएं आ सकती हैं।
अगर किचन उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में स्थित है, तो यह बहुत ही अशुभ माना जाता है।
इस दिशा में किचन होने से घर के सदस्यों को बार-बार बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
उत्तर (North) और पश्चिम (West) दिशा में किचन के दुष्प्रभाव
पश्चिम दिशा में किचन होने से घर में आपसी झगड़े और रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है।
उत्तर दिशा में किचन होने से घर में धन की हानि होती है और परिवार के मुखिया को मानसिक तनाव रहता है।
अगर वास्तु दोष के कारण किचन गलत दिशा में बना हुआ है, तो निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं:
उत्तर-पूर्व में किचन होने पर:
गैस स्टोव को साउथ-ईस्ट (आग्नेय कोण) की ओर शिफ्ट करें।
किचन में नींबू के पौधे या तुलसी का पौधा लगाएं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा कम हो सके।
उत्तर-पूर्व दिशा में एक पीतल का सूर्य यंत्र लगाएं।
उत्तर दिशा में किचन होने पर:
उत्तर दिशा में किचन होने पर किचन में हरे रंग का अधिक प्रयोग करें।
पानी की टंकी या गंगाजल से भरा पात्र किचन में रखें।
पश्चिम दिशा में किचन होने पर:
चांदी के बर्तन का उपयोग करें और गैस स्टोव को दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर घुमा दें।
अगर किचन घर के केंद्र में हो:
इस स्थिति में किचन में लाल बल्ब या लाल रंग का पर्दा लगाना शुभ होता है।
गैस स्टोव और पानी का सिंक पास-पास न रखें।
अग्नि और जल का मेल वास्तु दोष उत्पन्न करता है, जिससे घर में लड़ाई-झगड़े और बीमारियां बढ़ सकती हैं।
रसोई में जूते-चप्पल न रखें।
इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
खाली गेस सिलेंडर और जले हुए बर्तनों को जल्द हटाएं।
घर में धन की हानि और नकारात्मकता को रोकने के लिए इन चीजों को न रखें।
रसोई में नियमित रूप से हल्दी, कपूर और गंगाजल का छिड़काव करें।
इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मकता बनी रहती है।
निष्कर्ष
अगर किचन वास्तु दोष के कारण गलत दिशा में बना हो तो घर के सदस्यों को स्वास्थ्य समस्याओं, धन हानि और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। सही दिशा में किचन बनवाने से न केवल घर में सुख-शांति बनी रहती है बल्कि बीमारियों से भी बचाव होता है। यदि निर्माण बदलना संभव न हो तो ऊपर बताए गए वास्तु उपायों को अपनाकर नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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