ग्रहों की उच्च तथा नीच स्थिति
जातक की जन्म कुंडली में जिस राशि के जितने अंश गत हो चुके हों, उसके अनुसार विभिन्न ग्रह उच्च तथा नीच स्थिति को प्राप्त करते हैं |
(1) ग्रहों की उच्च स्थिति – ग्रहों की उच्च स्थिति के बारे में नीचे लिखे अनुसार समझना चाहिए :
(1) सूर्य – मेष राशि के 10 अंश पर उच्च का माना जाता है |
(2) चंद्र – वृष राशि के 3 अंश पर उच्च का माना जाता है |
(3) मंगल – मकर राशि के 28 अंश पर उच्च का माना जाता है |
(4) बुध – कन्या राशि के 15 अंश पर उच्च का माना जाता है |
(5) गुरु – कर्क राशि के 5 अंश पर उच्च का माना जाता है |
(6) शुक्र – मीन राशि के 27 अंश पर उच्च का माना जाता है |
(7) शनि – तुला राशि के 20 अंश पर उच्च का माना जाता है |
टिपण्णी – राहु तथा केतु छाया ग्रह हैं, अतः ज्योतिष शास्त्र के अनेक ग्रंथों में इनकी उच्च अथवा नीच स्थिति के विषय में कोई उल्लेख नहीं किया गया है, परंतु कुछ विद्वानों के मत से मिथुन राशि के 25 अंश पर राहु उच्च का माना जाता है तथा कुछ के मतानुसार वृष राशि में राहु उच्च का माना जाता है | इसी प्रकार कुछ विद्वानों के मतानुसार धनु राशि के 25 अंश पर केतु उच्च का माना जाता है और कुछ के मतानुसार वृश्चिक राशि में केतु उच्च का माना जाता है |
(2) ग्रहों की नीच स्थिति – प्रत्येक ग्रह को जिस राशि के जितने अंशों पर उच्च का बताया गया है, उससे सातवीं राशि के उतने ही अंशो पर वह नीच का होता है | इसे नीचे लिखे अनुसार और अधिक स्पष्ट रूप में समझ लेना चाहिए :
(1) सूर्य – तुला राशि के 20 अंश पर नीच का होता है |
(2) चंद्र – वृश्चिक राशि के 3 अंश पर नीच का होता है |
(3) मंगल – कर्क राशि के 28 अंश पर नीच का होता है |
(4) बुध – मीन राशि के 25 अंश पर नीच का होता है |
(5) गुरु – मकर राशि के 5 अंश पर नीच का होता है |
(6) शुक्र – कन्या राशि के 27 अंश पर नीच का होता है |
(7) शनि – मेष राशि के 20 अंश पर नीच का होता है |
टिपण्णी – राहु और केतु के विषय में यह है कि कुछ विद्वान् धनु के 25 अंश पर राहु को नीच का मानते हैं और कुछ के मतानुसार वृश्चिक राशि में राहु नीच का होता है |
इसी प्रकार कुछ विद्वानों के मतानुसार मिथुन राशि के 25 अंश पर केतु नीच का होता है और कुछ के मतानुसार वृष राशि में केतु नीच का होता है |