गिरिराज आरती, ॐ जय जय जय गिरिराज – हिन्दी गीतिकाव्य

गिरिराज आरती, ॐ जय जय जय गिरिराज - हिन्दी गीतिकाव्य

ॐ जय जय जय गिरिराज श्री गिरिराज की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती श्री गिरिराज से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है।
॥ श्री गिरिराज आरती ॥

ॐ जय जय जय गिरिराज,स्वामी जय जय जय गिरिराज।
संकट में तुम राखौ,निज भक्तन की लाज॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥

इन्द्रादिक सब सुर मिलतुम्हरौं ध्यान धरैं।
रिषि मुनिजन यश गावें,ते भवसिन्धु तरैं॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥

सुन्दर रूप तुम्हारौश्याम सिला सोहें।
वन उपवन लखि-लखि केभक्तन मन मोहें॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥

मध्य मानसी गङ्गाकलि के मल हरनी।
तापै दीप जलावें,उतरें वैतरनी॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥

नवल अप्सरा कुण्डसुहावन-पावन सुखकारी।
बायें राधा-कुण्ड नहावेंमहा पापहारी॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥

तुम्ही मुक्ति के दाताकलियुग के स्वामी।
दीनन के हो रक्षकप्रभु अन्तरयामी॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥

हम हैं शरण तुम्हारी,गिरिवर गिरधारी।
देवकीनंदन कृपा करो,हे भक्तन हितकारी॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥

जो नर दे परिकम्मापूजन पाठ करें।
गावें नित्य आरतीपुनि नहिं जनम धरें॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥