ब्रह्मा आरती - हिन्दी गीतिकाव्य

brahma dev
पितु मातु सहायक स्वामी सखा भगवान ब्रह्मा की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती भगवान ब्रह्मा से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है।
ब्रह्मा आरती - हिन्दी गीतिकाव्य  2
॥ आरती श्री ब्रह्मा जी ॥

पितु मातु सहायक स्वामी सखा,तुम ही एक नाथ हमारे हो।
जिनके कुछ और आधार नहीं,तिनके तुम ही रखवारे हो।

सब भाँति सदा सुखदायक हो,दुःख निर्गुण नाशन हारे हो।
प्रतिपाल करो सिगरे जग को,अतिशय करुणा उर धारे हो।

भुलि हैं हम तो तुमको,तुम तो हमरी सुधि नाहिं बिसारे हो।
उपकारन को कछु अन्त नहीं,छिन ही छिन जो विस्तारे हो।

महाराज महा महिमा तुम्हरी,मुझसे बिरले बुधवारे हो।
शुभ शान्ति निकेतन प्रेमनिधि,मन मन्दिर के उजियारे हो।

इस जीवन के तुम जीवन हो,इन प्राणन के तुम प्यारे हो।
तुम सों प्रभु पाय ‘प्रताप’ हरि,केहि के अब और सहारे हो।

ब्रह्मा आरती - हिन्दी गीतिकाव्य  3
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